8 साल पुरानी बिल्डिंग का पिलर टूटा | 27 परिवारों हुये बेघर | 35 लाख मे खरीदे थे फ्लैट | Digital Gwalior News
नेहरू कालोनी मे स्थिती गोल्डन टावर बिल्डिंग का पिलर टूट गया है। इससे यह बिल्डिंग रहने के लिए खतरनाक बन गई है। कोई बड़ी घटना होने से पहले वहाँ रहने वाले 27 परिवारों को समए रहते निकाल लिया गया। जिससे एक बड़ी घटना होने से ताल गयी। सूचना मिलने के बाद सभी प्रशासनिक अधिकारी और नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरी मल्टी को खाली कराया। बताया जा रहा है कि चार मंजिला यह मल्टी 8 साल पुरानी है। घटना के बाद सभी 27 परिवार पूरी तरह बेघर हो चुके हैं।
यहां के रहवासियों की न तो बिल्डर सुन रहा है और न ही नगरनिगम। कई लोगों एसे थे जिनहोने फ्लैट 35 लाख के लोन पर खरीदा था। उनकी तो किश्त भी पूरी नहीं हो पाई है।
8 साल पुरानी बिल्डिंग का पिलर टूटा-
बिल्डिंग में रहने वाले लोग और आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि कुछ दिन से मल्टी में कुछ आवाज आ रही थी। जब पिलर पर नजर पड़ी तो आरसीसी ओर लोहे के सरिए तक टूटे दिखाई दिये।
घटना रात के समय हुई जब लोग सो रहे थे। अचानक तेज आवाज के साथ मल्टी का एक पिल्लर गिर गया, जिससे दहशत फैल गई। आसपास के लोगों ने तुरंत पुलिस और नगर निगम को सूचना दी। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने सभी 27 परिवारों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने कभी ऐसी भयानक घटना नहीं देखी। एक समय के लिए तो ऐसा लगा कि पूरी मल्टी गिर जाएगी। लोगों को इतना भी समय नहीं मिला कि वे अपना खाना-पीना या अन्य सामान साथ ले जा सकें।
27 परिवारों हुये बेघर-
इस घटना से 27 परिवार बेघर हो गए हैं। इनमें से कई ऐसे परिवार हैं जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी की जमापूंजी इस मल्टी में फ्लैट खरीदने में लगा दी थी। अब वे डर के मारे अपने घरों में वापस जाने से डर रहे हैं।
35 लाख मे खरीदे थे फ्लैट-
जीवनभर की मेहनत की कमाई के 32 से 35 लाख रुपए बिल्डर को चुकाने के बावजूद इन परिवारों से सिर पर छत नहीं है। कई लोगों ने फ्लैट खरीदने के लिए बैंक से 16 से 20 साल की का लोन लिया और हर महीने किश्तें चुका रहे हैं। उनका अभी लोन पूरा चुकता भी नहीं हो पाया और बिल्डिंग खतरनाक अवस्था में आ गई है।
घटना की जांच पुलिस और नगर निगम द्वारा की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह मल्टी बिल्डर मोहन बांदिल द्वारा बनाई गई थी। फिलहाल, मल्टी के बाकी हिस्सों को खाली करवाकर जांच की जा रही है।
यह घटना एक बार फिर से सवाल खड़े करती है कि शहर में बन रही इमारतों की सुरक्षा कितनी है। प्रशासन को इस मामले की जांच कर जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके।
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