कल शाम को भारत सरकार ने CAA नागरिक संशोधन कानून को लागु कर दिया है जो लोकसभा और राज्सभा में 11सितम्बर 2019 पारित हो चूका है इसने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए भारतीय नागरिकता को सरल तरह और जल्द पूरा करने के लिया1955 नागरिकता कानून में संशोधन किया गया है । ये कानून पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में' रहे रे प्रताड़ित अल्पसंख्यक जैसा हिन्दू,जैन,सिख्स पारसी बौद्ध और क्रिस्टियन को नागरिकता प्रदान करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है इसमें मुसलमानो को नागरिकता नहीं दी जाय गी क्यों की वो लोग इन देशो में बहुसंखक है इस प्रतिक्रिया में श्रीलंका से आए हिन्दू और तमिल लोगो को नागरितका नहीं मिलेगी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जो भारत सरकार का नेतृत्व करती है, ने पिछले चुनाव घोषणापत्रों में पड़ोसी देशों से पलायन करने वाले सताए हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों के सदस्यों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का वादा किया था। 2019 संशोधन के तहत, जो प्रवासी 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश कर चुके थे, और अपने मूल देश में "धार्मिक उत्पीड़न या धार्मिक उत्पीड़न के डर" का सामना कर चुके थे, उन्हें प्राथमिकता देने के लिया नागरिकता कानून बनाया गया था। संशोधन ने इन प्रवासियों के देशीयकरण के लिए निवास की आवश्यकता को बारह साल से घटाकर छह साल कर दिया। इंटेलिजेंस ब्यूरो के रिकॉर्ड के अनुसार, इस अधिनियम के तत्काल लाभार्थी 30,000 से अधिक होंगे।