कैसे बिगड़े हालात?
कुंभ मेले में रविवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। अचानक प्रवेश और निकासी मार्गों पर दबाव बढ़ गया, जिससे लोग चारों तरफ से फंस गए। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस प्रशासन की व्यवस्था अपर्याप्त साबित हुई और इसी बीच दो अलग-अलग जगहों पर भगदड़ मच गई।
प्रशासन की चुप्पी, श्रद्धालुओं में आक्रोश
घटना के बाद भी प्रशासन ने स्थिति पर स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि भगदड़ में कई लोग घायल हुए हैं, लेकिन प्रशासन इस पर कुछ भी कहने से बच रहा है। स्थानीय लोग और श्रद्धालु बेहतर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।
क्या थी मुख्य वजह?
- अत्यधिक भीड़ – रविवार को कुंभ स्नान के कारण श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से अधिक पहुंच गई।
- यातायात अव्यवस्था – प्रवेश और निकासी मार्गों पर सही व्यवस्था न होने के कारण लोग फंस गए।
- प्रशासनिक चूक – मौके पर पर्याप्त सुरक्षाबलों और मार्गदर्शन की कमी देखी गई।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर सवाल
यह पहली बार नहीं है जब कुंभ मेले में भीड़ अनियंत्रित हुई हो। इससे पहले भी प्रबंधन में लापरवाही के चलते कई घटनाएं हो चुकी हैं। श्रद्धालु अब बेहतर भीड़ प्रबंधन और प्रशासनिक पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।