ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ को लावारिस हालत में तीन बच्चे मिले हैं।
ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ को लावारिस हालत में तीन बच्चे मिले हैं। तीनों बच्चों में दो बच्चियां और एक नवजात शामिल हैं। लावारिस मिले बच्चे अपने माता - पिता के बारे में कुछ नहीं बता पा रहे हैं। हैरानी की बात है कि तीनों बच्चों को संभवत उनके माता -पिता छोड़ गए हैं। फिलहाल आरपीएफ बच्चों के माता - पिता को तलाशने में जुट गई है। साथ ही झुलसी हुई हालत में मिले नवजात को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि दोनों बच्चियों को बालिका गृह भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि शुक्रवार देर रात ग्वालियर आरपीएफ को यात्रियों ने सूचना दी कि लावारिस हालत में तीन बच्चे रेलवे स्टेशन पर बुकिंग काउंटर के पास लंबे समय से बैठे हुए हैं। इसी सूचना पर आरपीएफ ने तुरंत मौके पर पहुंचकर तीनों बच्चों को अपनी देखरेख में ले लिया। तीनों बच्चों में दो बच्चियां और एक नवजात शामिल थे। सहानुभूतिक पूछताछ में बच्चियों ने अपने नाम अंजली उम्र 7 साल और अर्पिता उम्र 6 साल बताए हैं। इसके साथ ही नवजात के शरीर पर झुलसने के निशान हैं। ऐसे में आरपीएफ ने नवजात को कमला राजा अस्पताल में भर्ती करा दिया है और दोनों बच्चियों को महिला बाल विकास विभाग की मदद से मां कैला देवी बालिका गृह समिति के सुपुद्र् कर दिया है। इससे पहले बच्चे अपने माता पिता के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पा रहे थे। आरपीएफ कहना है कि पूछताछ में पता चला है कि बच्चे संभवत धौलपुर की तरफ से अपने माता- पिता के साथ ग्वालियर आए होंगे। रेल्वे स्टेशन पर घूमने वाले आटो चालकों ने भी आरपीएफ को बताया है कि बच्चों को उनके माता पिता को देखा गया था। हालांकि जिस स्थान पर बच्चे मिले हैं उस जगह कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। जाहिर सी बात है बच्चों के पैरेंट्स के बारे में पता लगाना आरपीएफ के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। बहरहाल ग्वालियर आरपीएफ रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज बारीकी से देख रही है और बच्चों के फोटो आदि से जुड़ी जानकारी अन्य रेलवे स्टेशन प्रबंधन को भी दे दी गई है। उम्मीद है कि आरपीएफ जल्दी ही बच्चों के माता - पिता को ढूंढने और उन तक पहुंचाने में सफल होगी।