ग्वालियर- ग्वालियर के एनआईटी-2 निवासी एक महिला की दलालों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये नगर निगम के कर्मचारियों से सांठगांठ कर धोखे से पति के जीवित रहते हुए विधवा पेंशन बना दी। महिला ने आरोप लगाया है कि डेढ़ साल तक उसका शारीरिक शोषण किया गया। पीड़िता ने इस मामले की शिकायत महिला आयोग से की है। महिला आयोग ने मामले में पुलिस से जांच की मांग की है। महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया का कहना है कि मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गुरुवार शाम सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय में महिला संबंधी विवादों का निस्ताण के लिए वाद-विवाद का आयोजन किया गया था। इसमें पीड़िता की समस्या पर भी सुनवाई की गई। पीड़ित महिला ने इस दौरान बताया कि वह एनआईटी-2 में रहती है। उसके पति एक इलेक्ट्रॉनिक की दुकान पर सेल्समैन हैं।
पीड़िता ने शिकायत में बताया है कि वह अपनी बेटी के लिए लाडली योजना का लाभ लेना चाहती थी। इस बाबत डेढ़ साल पहले उसने इसका जिक्र अपने पति के एक दोस्त से किया। पति के दोस्त ने भरोसा देते हुए कहा कि उसकी नगर निगम में कुछ लोगों से जान-पहचान है। वह उनकी मदद से उसे लाडली योजना का लाभ दिला देगा।
आरोपी उसे नगर निगम लेकर गया। इसके बाद नगर निगम के दो कर्मचारियों ने लाडली योजना का नाम लेकर उससे आवेदन भरवाया। फर्जी तरीके से परिवार पहचान पत्र भी बनवा दिया। कुछ दिन बाद उसके खाते में 1800 रुपये आने लगे। आरोप है कि इसी बात पर तीनों आरोपी उसका शारीरिक शोषण करने लगे।
रेणू भाटिया ने बताया कि पूछताछ में पीड़िता ने बताया है कि एक दिन आरोपी उसके पति के साथ बैठा था। इस दौरान उसने पति के सामने उसकी बेटी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया। इस पर उसके पति के साथ आरोपी की कहासुनी हो गई। इससे नाराज होकर आरोपी ने पति के जीवत रहते हुए फर्जी तरीके से उसकी विधवा पेंशन लेने की शिकायत संबंधित विभाग में कर दी। रेणू भाटिया ने बताया कि पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि उसे नहीं पता था कि उसे विधवा पेंशन मिल रही है। बैंक खाता में पैसा आने पर उसे लगा था कि सरकार की ओर से लाडली योजना के तहत पैसे भेजे जा रहे हैं।
रेणू भाटिया के अनुसार, पीड़िता ने पूछताछ में बताया है कि तीनों आरोपी करीब डेढ़ साल से उसका शारीरिक शोषण कर रहे हैं। एक ने तो शादी करने का झांसा भी दिया था। आरोपी उसे किसी को बताने पर धमकी भी देते हैं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। इसमें यह पता लगाया जा रहा है कि आरोपियों ने पीड़िता के पति का मृत्यु प्रमाणपत्र कैसे बनवा दिया। मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। जांच के बाद संबंधित आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी।