भिंड जिले के गोरमी थाना क्षेत्र के कृपे का पुरा गांव में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 8 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। यह ऑपरेशन ग्वालियर के कालरा अस्पताल में किया गया था, जिसके बाद मरीजों ने गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए गोरमी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। मरीजों का कहना है कि उन्हें मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद न केवल दर्द और तकलीफ का सामना करना पड़ा, बल्कि Doctor Rohit Karla ने ऑपरेशन के बाद दवा डालने के अलावा और कोई सुझाव नहीं दिया। ऑपरेशन के कुछ ही समय बाद मरीजों को धुंधलापन महसूस हुआ, और उनकी आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई। शिकायत करने वाले मरीजों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने उन्हें ऑपरेशन के बाद उचित परामर्श और दवाइयों का सही तरीका नहीं बताया। मरीजों ने यह भी कहा कि ऑपरेशन के दौरान भी कोई सटीक जानकारी नहीं दी गई थी, और न ही उनकी स्थिति की सही तरह से निगरानी की गई। मरीजों की शिकायत के बाद गोरमी थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और अस्पताल प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी है। पुलिस का कहना है कि अगर ऑपरेशन में लापरवाही पाई जाती है, तो जिम्मेदार डॉक्टरों और अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कालरा अस्पताल के अधिकारियों ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि अस्पताल में सभी ऑपरेशन मानक प्रक्रिया के अनुसार किए गए थे। अस्पताल का कहना है कि ऑपरेशन के बाद मरीजों को पूरी जानकारी दी गई थी, और किसी भी तरह की अनहोनी के लिए अस्पताल पूरी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है। मरीजों ने अस्पताल और डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस घटना से न केवल उनका विश्वास टूट गया है, बल्कि अन्य मरीजों के लिए भी यह एक चेतावनी है। पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच तेज कर दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि मोतियाबिंद ऑपरेशन एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन किसी भी प्रकार की लापरवाही से मरीजों की आँखों की रोशनी पर गंभीर असर हो सकता है।