भारतीय शतरंज खिलाड़ी डी. गुकेश ने इतिहास रचते हुए विश्व शतरंज चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर लिया है। मात्र 18 वर्ष की आयु में उन्होंने शास्त्रीय शतरंज के निर्विवाद विश्व चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया। इस उपलब्धि के साथ, गुकेश न केवल भारत के लिए गर्व का विषय बने, बल्कि शतरंज की दुनिया में अपनी अलग पहचान भी बनाई।
शिखर मुकाबले में डी. गुकेश ने चीन के दिग्गज ग्रैंडमास्टर और मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को मात दी। उनकी यह जीत न केवल उनकी प्रतिभा और मेहनत का परिणाम है, बल्कि भारतीय शतरंज के उभरते प्रभाव का प्रतीक भी है।
गुकेश ने अपनी उत्कृष्ट रणनीति और आत्मविश्वास के बल पर यह मुकाम हासिल किया। उनकी यह उपलब्धि उन्हें विश्व शतरंज इतिहास में सबसे युवा चैंपियन बनाती है, जो आने वाले युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
भारत में शतरंज के विकास और अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ती पहचान को गुकेश की इस जीत ने एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। शतरंज प्रेमियों और पूरे देश ने इस ऐतिहासिक जीत पर डी. गुकेश को बधाई दी है।