लावारिसों के कब्रिस्तान में कुत्तों का आतंक: कब्रों से निकाली लाशें, हड्डियां चबाईं
ग्वालियर शहर के एक लावारिस कब्रिस्तान में दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आई हैं। यहां आवारा कुत्तों ने कब्रों को खोदकर लाशों को बाहर निकाल लिया और उन्हें नोंचकर हड्डियां चबाईं। यह नजारा न केवल डरावना है, बल्कि समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों पर भी सवाल खड़ा करता है। कब्रिस्तान में कई जगह इंसानी हड्डियां और खोपड़ियां खुले में पड़ी हुई मिलीं। स्थानीय निवासियों के मुताबिक, यह पहली बार नहीं हुआ है। कुत्ते अक्सर लाशों के टुकड़े कब्रों से बाहर निकालकर मैदान में बिखेर देते हैं। एक व्यक्ति ने बताया, "कभी हाथ उठा लाते हैं, तो कभी पैर। यह नजारा देखकर रूह कांप जाती है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन इस मुद्दे पर पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है। लावारिस लाशों को सही तरीके से दफनाने और कब्रिस्तान की देखरेख के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। कब्रों को पर्याप्त गहराई तक नहीं खोदा जाता, जिससे कुत्ते आसानी से गड्ढे खोदकर लाशों तक पहुंच जाते हैं।
डकैती का पर्दाफाश: दो आरोपी गिरफ्तार, लुटेरों तक कड़े से पहुंची पुलिस
डबरा में हुंडी कारोबारी के साथ हुई साढ़े 14 लाख रुपए की डकैती के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस करेरा और दतिया क्षेत्र में लगातार दबिश दे रही है। पिछले हफ्ते डबरा में एक हुंडी कारोबारी से 14.5 लाख रुपए की लूट की घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी थी। लुटेरों ने योजनाबद्ध तरीके से कारोबारी को निशाना बनाया और घटना को अंजाम देकर फरार हो गए। पुलिस को इस बार लुटेरों तक पहुंचने के लिए उनके छोड़े गए एक कड़े से सुराग मिला। पहले 35 लाख की लूट के मामले में ऑरेंज टोपी से लुटेरों की पहचान हुई थी। इसी तरह, इस डकैती में आरोपियों द्वारा छोड़े गए कड़े को आधार बनाकर पुलिस ने जांच तेज की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को पकड़ लिया है। पकड़े गए आरोपियों से लूट की रकम का कुछ हिस्सा भी बरामद किया गया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए करेरा और दतिया क्षेत्र में लगातार छापेमारी की जा रही है।
पुलिस को बार-बार चकमा देने वाला चोर आखिरकार दबोचा गया
ग्वालियर गोला का मंदिर थाना पुलिस ने एक शातिर चोर को आखिरकार पकड़ लिया, जो पिछले एक साल से फरार चल रहा था। आरोपी हर बार पुलिस को चकमा देकर बच निकलता था। गुरुवार रात उसकी घर वापसी की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने रणनीति बनाकर शुक्रवार तड़के उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, आरोपी कई चोरी की वारदातों में शामिल रहा है। पिछले एक साल से उसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी थे, लेकिन हर बार वह भागने में सफल हो जाता था। पुलिस ने बताया कि आरोपी इलाके में अपने शातिर दिमाग और तेज भागने की आदत के लिए जाना जाता है। गुरुवार रात पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी अपने घर लौटा है। इस पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई का प्लान तैयार किया। शुक्रवार तड़के जब पुलिस ने उसके घर दबिश दी, तो वह घर में सोता हुआ मिला। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए हर बार नाकामी के बाद इस बार एक सटीक रणनीति अपनाई। थाना प्रभारी ने बताया, "हमने रातभर इलाके की निगरानी की और सुबह की पहली किरण से पहले आरोपी के घर पर दबिश दी। इस बार वह भाग नहीं सका।"
ग्वालियर: रिटायर्ड एएसआई से रिश्वत लेते चपरासी रंगे हाथ गिरफ्तार
ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को नगर निगम में तैनात एक चपरासी को रिटायर्ड एएसआई से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। चपरासी, निगम के टैक्स कलेक्टर के कहने पर 8 हजार रुपए की रिश्वत लेने पहुंचा था। लोकायुक्त की टीम ने पहले से योजना बनाकर उसे ट्रैप किया। रिटायर्ड एएसआई ने लोकायुक्त को शिकायत दर्ज कराई थी कि नगर निगम का टैक्स कलेक्टर उनके मामले को निपटाने के लिए 8 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। शिकायत की पुष्टि के बाद लोकायुक्त ने कार्रवाई की योजना बनाई।
शुक्रवार को चपरासी रिश्वत की रकम लेने के लिए रिटायर्ड एएसआई से मिला। जैसे ही उसने रकम लेकर अपनी जेब में रखी, लोकायुक्त की टीम ने मौके पर ही उसे पकड़ लिया।
लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक, चपरासी सिर्फ माध्यम था, जबकि रिश्वत की मांग नगर निगम के टैक्स कलेक्टर ने की थी। अब टैक्स कलेक्टर की भूमिका की भी जांच की जा रही है। लोकायुक्त के अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला रही है। यह मामला भी उसी अभियान का हिस्सा है। लोकायुक्त ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगे जाने पर तुरंत शिकायत करें।