ग्वालियर व्यापार मेले में लूट का खुलासा: 7 हजार की दुकान 1.40 लाख रुपए में ब्लैक, अधिकारी भी घेरे मेंग्वालियर। ऐतिहासिक ग्वालियर व्यापार मेला,
जो कभी अपनी सांस्कृतिक विरासत और व्यापारिक अवसरों के लिए प्रसिद्ध था, अब एक बड़े भ्रष्टाचार और लूट के केंद्र के रूप में सामने आया है। मेले में दुकान आवंटन के दौरान बड़े स्तर पर गड़बड़ी और ब्लैक मार्केटिंग का पर्दाफाश हुआ है।सूत्रों के अनुसार, मेले में सामान्य दर पर 7 हजार रुपए की लागत वाली दुकानों को 1.40 लाख रुपए तक ब्लैक में बेचा जा रहा है। यह गड़बड़ी मेला प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों और दुकान माफियाओं की मिलीभगत का नतीजा है। छोटे व्यापारियों और कारीगरों को हाशिए पर धकेलते हुए, माफियाओं ने ऊंची कीमतों पर दुकानें बेचकर मेले की गरिमा को तार-तार कर दिया है।इस खुलासे ने मेला आयोजन समिति और संबंधित अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह आरोप लगाया जा रहा है कि कुछ अधिकारियों ने इन माफियाओं के साथ मिलकर दुकानों की कालाबाजारी को प्रोत्साहन दिया।घटनाक्रम से नाराज स्थानीय व्यापारी और कारीगर अब खुलकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह की गड़बड़ियों के कारण मेले में भाग लेना उनके लिए असंभव हो गया है। पारंपरिक हस्तशिल्प और छोटे व्यापार, जो कभी मेले की जान हुआ करते थे, अब हाशिए पर चले गए हैं।
ग्वालियर में वर्चस्व की लड़ाई: फायरिंग के आरोपी ने कोर्ट में किया सरेंडर
ग्वालियर शहर में वर्चस्व की लड़ाई के दौरान हुई फायरिंग के मुख्य आरोपी बिट्टू सिकरवार उर्फ अर्जुन सिकरवार ने आखिरकार न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। तीन महीने से फरार चल रहे इस आरोपी को पुलिस ने औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया है। मामले की जांच में तेजी लाते हुए पुरानी छावनी थाना पुलिस ने रिमांड पर लेकर उससे पूछताछ शुरू कर दी है।घटना तीन महीने पहले पुरानी छावनी थाना क्षेत्र में हुई थी, जहां वर्चस्व को लेकर दो गुटों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपी बिट्टू सिकरवार ने दुश्मनों पर गोली चला दी। इस फायरिंग में कई लोग बाल-बाल बच गए थे, लेकिन घटना ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था।फायरिंग के बाद बिट्टू सिकरवार फरार हो गया था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी और संभावित ठिकानों पर छापेमारी की। इसके बावजूद आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। आखिरकार, बढ़ते दबाव के चलते उसने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया।पुरानी छावनी थाना पुलिस ने आरोपी को न्यायालय से औपचारिक गिरफ्तारी के बाद रिमांड पर लिया है। पुलिस अब उससे इस घटना के पीछे की पूरी साजिश, अन्य शामिल व्यक्तियों और संभावित अवैध हथियारों के स्रोत की जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही है।
अटलजी के 100वें जन्मदिन पर कवि सम्मेलन: आशुतोष राणा की मौजूदगी ने बढ़ाई शोभा
ग्वालियर। भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 100वें जन्मदिन पर गुरुवार को ग्वालियर में एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नाम 'एक शाम अटलजी के नाम' रखा गया, जिसमें देशभर के प्रसिद्ध कवियों ने भाग लिया और अपनी कविताओं के जरिए अटलजी के व्यक्तित्व और कृतित्व को श्रद्धांजलि दी।कार्यक्रम में मशहूर अभिनेता और कवि आशुतोष राणा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने अटलजी की कविताओं और उनके जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंगों को साझा किया। राणा ने अपनी भावपूर्ण कविता और ओजस्वी वक्तृत्व शैली से दर्शकों का मन मोह लिया।इस कवि सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर के कई मशहूर कवि जैसे कुमार विश्वास, सुरेंद्र शर्मा, और अन्य ने अटलजी के योगदान को याद करते हुए उनकी विचारधारा और कविताओं पर आधारित रचनाएं प्रस्तुत कीं। कवियों की ओजस्वी और भावपूर्ण प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।कार्यक्रम के दौरान अटलजी की कविताओं का पाठ भी किया गया। उनके नेतृत्व, काव्य प्रतिभा, और राजनीतिक दृष्टिकोण पर वक्ताओं ने चर्चा की। आयोजन स्थल को अटलजी की कविताओं और उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धियों से सुसज्जित किया गया था, जो उनके जीवन और योगदान की झलक प्रस्तुत करता था।
गुना बस हादसे की बरसी: परिवारों का दर्द आज भी ताजा, न्याय की तलाश जारी
गुना 27 दिसंबर 2023 को रात 8 बजे सेमरी घाटी पर हुआ दर्दनाक बस हादसा आज भी परिवारों के लिए एक भयावह स्मृति बनकर रह गया है। यात्रियों से भरी सिकरवार ट्रैवल्स की बस (क्रमांक MP08 P 0199) डंपर से टकराने के बाद आग की लपटों में घिर गई थी। इस हादसे में 11 लोग मौके पर ही जिंदा जल गए थे, जबकि ड्राइवर समेत 2 अन्य ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हादसे के लगभग एक साल बाद भी पीड़ित परिवार उस रात के खौफ से उबर नहीं पाए हैं।हादसे में जान गंवाने वाले मुस्तकीम का परिवार आज भी सदमे में है। उनका मासूम बेटा अब तक यह नहीं समझ पाया है कि उसके पिता अब कभी घर नहीं लौटेंगे। हर दिन पिता के लौटने की आस लगाए, बच्चा दरवाजे पर उनकी राह देखता है।गणेश, जो हादसे का एक और शिकार था, उसकी मां आज भी अपने आंसुओं को रोक नहीं पाती। हर दिन वह बेटे की याद में टूट जाती है। "जब भी रात होती है, वह खौफनाक मंजर मेरी आंखों के सामने आ जाता है," गणेश की मां ने भावुक होकर कहा।सेमरी घाटी पर सिकरवार ट्रैवल्स की बस और डंपर की आमने-सामने की टक्कर इतनी भयानक थी कि बस में आग लग गई। बस में सवार कुल 30 यात्रियों में से 13 की मौत हो गई, जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल हुए।