कथावाचक व आचार्य पुष्पेंद्र दीक्षित की गिरफ्तारी: ठगी और छल का मास्टरमाइंड
आचार्य पुष्पेंद्र दीक्षित की गिरफ्तारी
ग्वालियर, 7 अगस्त - केंद्रीय मंत्री बनकर दो थाना प्रभारियों के ट्रांसफर के लिए मध्यप्रदेश के डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना पर दबाव बनाने वाले कथावाचक व आचार्य पुष्पेंद्र दीक्षित (शर्मा) को क्राइम ब्रांच ने 5 अगस्त को ग्वालियर से गिरफ्तार किया है। मात्र 10वीं पास पुष्पेंद्र दीक्षित की ठगी की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है।
ठगी और छल का मास्टरमाइंड
पुष्पेंद्र दीक्षित अपने बातों के जाल में बड़े-बड़े लोगों को फंसा लेता है। सोशल मीडिया पर उसने कई केंद्रीय मंत्रियों, बड़े नेताओं और एक्टर के साथ फोटो पोस्ट कर रखे हैं। यह सब उसके ठगी के जाल का हिस्सा है। 2016 में उसने तत्कालीन केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम से फर्जी लेटर बीएसएफ डीजी को लिखा था और बीएसएफ के 3 आरक्षकों का तबादला करने का प्रयास किया था। आश्चर्यजनक रूप से, एक आरक्षक का तबादला भी हो गया था।
पुष्पेंद्र दीक्षित को ग्वालियर के डबरा के छोटे से गांव ऊदलपाड़ा से गिरफ्तार किया गया। गांव में लोग उसे गैंबलर कहकर बुलाते हैं। उसने धारा प्रवाह संस्कृत बोलने की क्षमता से लोगों को प्रभावित किया। पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर वह अपना सीना पकड़कर बैठ जाता है और बीमारी का बहाना करता है। उसके पास से शुगर और बीपी की दवाएं मिली हैं, लेकिन हार्ट की कोई दवा नहीं मिली। पुलिस ने उसके मेडिकल जांच का निर्णय लिया है। जांच में यह भी पता चला है कि उसने हाल ही में गन लाइसेंस बनवाया है। पुलिस का मानना है कि इसे भी ठग ने दबाव बनाकर बनवाया होगा। अब पुलिस इसे निरस्त कराने की तैयारी में है और यह भी पता लगा रही है कि उसने कितने लोगों के आर्म्स लाइसेंस के लिए सिफारिश की है।
पुलिस अब उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है और उसकी ठगी के अन्य मामलों की जांच कर रही है।
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puspendra dixit froud baba ka khulasha thagi ka mastermind