ग्वालियर हाई कोर्ट के प्रशासनिक न्यायमूर्ति रोहित आर्या की परिकल्पना समाधान आपके द्वार के बेहतरीन परिणाम देखने को मिले हैं ।इससे न सिर्फ न्यायालय में पेंडिंग मामलों का बोझ कम हुआ है बल्कि समाज के ऐसे दबे कुचले लोगों को बिना विवाद बढा़ए उनकी समस्या का समाधान मिला है।जो पैसे और समय बर्बाद नहीं कर सकते थे। समाधान आपके द्वार के लिये जस्टिस रोहित आर्य ने पिछले साल राजस्व पुलिस वन और बिजली विभाग के सहयोग से शुरू की थी। इसमें सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया था जो न तो वकीलों की भारी भरकम फीस दे सकते थे न ही वे इतने सक्षम थे कि रोजाना कोर्ट के चक्कर लगा सकें। इसलिए प्रशासनिक न्यायमूर्ति रोहित आर्या की समझाईश पर चारों विभागों ने ग्रामीण क्षेत्र में जाकर कैंप के जरिए लोगों की समस्याएं निपटाई। शुरुआती 3 महीने में ही समाधान हुए मामलों की संख्या 8 लाख से ज्यादा हो चुकी है और सरकार ने इसे पूरे प्रदेश में लागू किया है। इस मौके पर मेडिएशन से जुड़े अभिभाषकों ने जस्टिस रोहित आर्या का अभिनंदन किया। इस मौके पर जस्टिस आर्यन ने वकीलों को सलाह दी की मेडिएशन को लेकर गलतफहमी न पालें कि उनके पास पत्रकारों की संख्या कम हो जाएगी बल्कि यह कैसी परिकल्पना है जिससे जुड़कर अभिभाषक समाज में अपना नया चेहरा पेश कर सकते हैं और इससे उनके क्लाइंट्स की संख्या भी बढ़ सकती है।
एंबिएंस बाइट रोहित आर्या....प्रशासनिक न्यायमूर्ति हाई कोर्ट ग्वालियर
बाइट-पदम सिंह ....मेडिएशन एडवोकेट
परिकल्पना समाधान