तानसेन महोत्सव कब और कहा शुरू हो रहा है
शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में मुख्य कार्यक्रम 14 से 18 दिसंबर के बीच ग्वालियर में आयोजित होगा। इसके अलावा, "पूर्वरंग" श्रृंखला के तहत देश के अन्य शहरों जैसे नई दिल्ली और भोपाल में भी अतिरिक्त कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ये कार्यक्रम अक्टूबर के अंत से शुरू होकर दिसंबर तक चलेंगे। तानसेन महोत्सव का औपचारिक उद्घाटन नई दिल्ली में नवंबर के पहले सप्ताह में होगा, जहां महोत्सव के लोगो और वेबसाइट का अनावरण किया जाएगा।
संस्कृति विभाग के निदेशक एनपी नामदेव के अनुसार, तानसेन संगीत महोत्सव शायद भारत का एकमात्र शास्त्रीय संगीत महोत्सव है जो लगातार 100 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस शताब्दी समारोह का उद्देश्य महोत्सव की यादों, अनुभवों और महत्व को समेटकर वर्तमान समय के कला प्रेमियों के भारतीय संस्कृति और संगीत के प्रति गहरे संबंध को उजागर करना है।
तानसेन शताब्दी महोत्सव के मुख्य आकर्षण:
-
दिल्ली में राष्ट्रीय उद्घाटन (पूर्वरंग): महोत्सव का उद्घाटन कार्यक्रम नवंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली में होगा, जिसमें तानसेन शताब्दी वर्ष के लोगो और वेबसाइट का अनावरण किया जाएगा।
-
राष्ट्रीय आगाज़ श्रृंखला: इस श्रृंखला के तहत लखनऊ, नागपुर, जयपुर, मुंबई, अहमदाबाद, रायपुर, कोलकाता, बेंगलुरु और फतेहपुर सीकरी जैसे शहरों में अक्टूबर के अंत से दिसंबर तक संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
-
मध्य प्रदेश में क्षेत्रीय संगीत श्रृंखला: स्थानीय संगीत कार्यक्रमों, संवाद सत्रों और कार्यशालाओं का आयोजन मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और एनजीओ के माध्यम से किया जाएगा।
-
फिल्म स्क्रीनिंग: भोपाल के भारत भवन में नवंबर के पहले सप्ताह में तानसेन पर आधारित फीचर और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों की सात दिवसीय स्क्रीनिंग होगी।
ग्वालियर में मुख्य कार्यक्रम: मुख्य कार्यक्रम में आईसीसीआर और भारतीय दूतावास के प्रतिनिधियों द्वारा लगभग 20 देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन शामिल होंगे। इसमें तबला वादन के लिए ज़ाकिर हुसैन का प्रदर्शन, सामूहिक संगीत कार्यक्रम, राष्ट्रीय तानसेन सम्मान समारोह, दैनिक संगीत सत्र, तानसेन पर आधारित नाटक, संवाद सत्र, डाक टिकट का विमोचन, पुस्तक और स्मारिका का विमोचन, और एक प्रदर्शनी भी होगी।
शताब्दी समारोह का उद्देश्य महोत्सव की यादों, अनुभवों और महत्व को समेटकर वर्तमान समय के कला प्रेमियों के भारतीय संस्कृति और संगीत के प्रति गहरे संबंध को उजागर करना है।