स्वास्थ्य विभाग की तत्परता
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, तीनों मरीजों का इलाज जारी है, और उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। विभाग ने प्रभावित इलाकों में फॉगिंग और लार्वा निरोधक दवाओं के छिड़काव की प्रक्रिया तेज कर दी है। साथ ही, लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है।
क्या है जापानी इंसेफेलाइटिस?
जापानी इंसेफेलाइटिस एक वायरस जनित बीमारी है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है। यह खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए घातक साबित हो सकती है। इस बीमारी में तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी और बेहोशी जैसे लक्षण हो सकते हैं। गंभीर मामलों में यह दिमागी सूजन का कारण बनती है, जिससे रोगी की जान को खतरा हो सकता है।
सावधानियां और उपाय
- घरों और आसपास पानी जमा न होने दें।
- मच्छरदानी का उपयोग करें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
- बुखार या अन्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- बच्चों का जापानी इंसेफेलाइटिस का टीकाकरण कराएं।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे इस बीमारी को हल्के में न लें और बताए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। विभाग के अनुसार, यदि समय रहते उचित कदम उठाए गए तो इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।