IT टीम ने की बड़ी कार्रवाई
राठौर के सदर क्षेत्र में स्थित बंगले पर IT विभाग के अधिकारी 10 गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे। उन्होंने घर का गेट बंद कर संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच शुरू की। इस कार्रवाई के चलते इलाके में हड़कंप मच गया, और बड़ी संख्या में लोग मौके पर इकट्ठा हो गए।
अनियमित लेन-देन की शिकायतें बनी वजह
आयकर विभाग को राठौर परिवार के बीड़ी व्यवसाय और घोषित संपत्तियों से जुड़े वित्तीय लेन-देन में अनियमितताओं की शिकायतें मिली थीं। जांच में राठौर परिवार की बड़ी संपत्तियों पर भी नजर रखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई में बड़ी मात्रा में अघोषित संपत्ति, नकदी, और दस्तावेजों का खुलासा हो सकता है।
राठौर परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि
हरवंश सिंह राठौर बंडा विधानसभा से 2013 में बीजेपी विधायक रह चुके हैं। वर्तमान में वे सागर जिले के बीजेपी जिला अध्यक्ष पद के दावेदार हैं। उनके पिता, हरनाम सिंह राठौर, मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इस छापेमारी का हरवंश सिंह राठौर की राजनीतिक दावेदारी पर गहरा असर पड़ सकता है।
केशरवानी और छाबड़ा के ठिकानों पर भी दबिश
आयकर विभाग की टीम ने सागर के परकोटा क्षेत्र में बीड़ी व्यापारी और साहूकार राजेश केशरवानी और एलआईसी एजेंट व प्रॉपर्टी डीलर राकेश छाबड़ा के घरों पर भी छापेमारी की। दोनों लंबे समय से राठौर परिवार से जुड़े हुए हैं। इन ठिकानों पर भी अघोषित संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन की जांच जारी है।
भाजपा और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं
इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। जहां विपक्ष इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम बता रहा है, वहीं राठौर समर्थकों का दावा है कि यह राजनीतिक साजिश का हिस्सा है।
आयकर विभाग की जांच पूरी होने के बाद ही इस छापेमारी का पूरा असर सामने आएगा। फिलहाल राठौर परिवार और उनसे जुड़े लोगों की संपत्तियों पर आयकर विभाग की कड़ी नजर है।