भूमाफियाओं से पीड़ित किसान की न्याय की तलाश: इंदरजीत शिंदे का संघर्ष
जिला कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान इंदरजीत शिंदे, जो बगवाई गांव में अन्नपूर्णा फार्म पर खेती करते हैं, ने अपनी जमीन का सीमांकन न होने के कारण पेश आ रही समस्या को उजागर किया। उन्होंने बताया कि उनकी जमीन पर भूमाफियाओं का कब्जा हो गया है। कई बार पटवारी, तहसीलदार और जिलाधिकारी को शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जब भी शिकायत की जाती है, तो अधिकारी यह आश्वासन देते हैं कि सीमांकन जल्द ही हो जाएगा, लेकिन भूमाफियाओं के साथ मिलीभगत के चलते अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इंदरजीत शिंदे ने अब तक नौ बार जिला कलेक्टरेट में आवेदन दिया है, लेकिन पांच साल से लगातार पटवारी और तहसीलदार के चक्कर काटने के बावजूद भी न्याय नहीं मिला है।
गांव बहरा की लड़कियों की शिक्षा में बाधा: कलेक्ट्रेट में शिकायत
जिला कलेक्ट्रेट में कुछ बालिकाएं अपनी स्कूल की अव्यवस्था की शिकायत लेकर आई थीं। ये सभी बालिकाएं गांव बहरा की रहने वाली हैं, और उनके गांव से स्कूल लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित है। वहां तक पहुंचने के लिए पैदल चलने के अलावा उनके पास और कोई साधन उपलब्ध नहीं है। इस कठिनाई के कारण वे पिछले दो महीनों से स्कूल नहीं जा पा रही हैं। दूरी और अन्य परिवहन के साधनों की अनुपलब्धता के चलते कई लड़कियों ने स्कूल जाना तक छोड़ दिया है।
सरकार की एक योजना है जिसके तहत दूर-दराज के गांवों में रहने वाले बच्चों को स्कूल जाने के लिए साइकिल उपलब्ध कराई जाती है ताकि वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। इसी योजना का लाभ लेने के उद्देश्य से ये बालिकाएं जिला कलेक्ट्रेट में आवेदन देने आई थीं। उनकी समस्या को जिला शिक्षा अधिकारी ने ध्यानपूर्वक सुना और यह आश्वासन दिया कि उनकी सुविधा के लिए उन्हें एक सप्ताह के भीतर किशन बाग के स्कूल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जो उनके गांव से केवल 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस कदम से उनकी शिक्षा में आने वाली बाधा को दूर किया जा सकेगा, और वे बिना किसी परेशानी के नियमित रूप से स्कूल जा सकेंगी।
बंजारा पूरा के स्कूल में मिड डे मील घोटाला: इमरान खान और गांववासियों का विरोध
बंजारा पूरा के इमरान खान ने अपने गांववासियों के साथ मिलकर जिला कलेक्ट्रेट में मिड डे मील योजना में हो रही गंभीर अनियमितताओं की शिकायत दर्ज करवाई है। उनकी शिकायत के अनुसार, आंगनवाड़ी में 120 बच्चे नामांकित हैं, जबकि स्कूल में 60 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इन बच्चों के लिए प्रतिदिन स्कूल में मिड डे मील का भोजन तैयार किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। आरोप है कि स्कूल में भोजन बनाने की बजाय, एक संबंधित व्यक्ति अपने घर से खाना लाकर सिर्फ 20 बच्चों को ही खिलाता है, जबकि बाकी बच्चों के नाम पर मिलने वाला पैसा खुद हड़प लेता है।
इमरान खान का कहना है कि जब भी इस घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई जाती है और शिकायत दर्ज की जाती है, तो जांच समिति और संबंधित अधिकारियों के बीच मिलीभगत के कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। कई बार लिखित शिकायतें और आवेदन जमा करवाए गए, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। हर बार यह कहा जाता है कि उचित जांच की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी, लेकिन आज तक इस मामले में कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। गांववासियों की उम्मीदों के बावजूद, भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण स्थिति जस की तस बनी हुई है।